Create By:-Ravindra Sigar


2020-08-27 00:36:28

sarasvati mata vandnana and salok

Sarasvati vandana

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥

श्लोक अर्थ - जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर शङ्कर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें।

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥

श्लोक अर्थ - शुक्लवर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत्‌ में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान्‌ बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलङ्कृत, भगवती शारदा (देवी सरस्वती) की मैं वन्दना करता हूँ।

जय सरस्वती माता

आरती श्री सरस्वती जी

जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी।

सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥

जय सरस्वती माता॥

बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला।

शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला॥

जय सरस्वती माता॥

देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया।

पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया॥

जय सरस्वती माता॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,ज्ञान प्रकाश भरो।

मोह अज्ञान और तिमिर का,जग से नाश करो॥

जय सरस्वती माता॥

धूप दीप फल मेवा,माँ स्वीकार करो।

ज्ञानचक्षु दे माता,जग निस्तार करो॥

जय सरस्वती माता॥

माँ सरस्वती की आरती,जो कोई जन गावे।

हितकारी सुखकारीज्ञान भक्ति पावे॥

जय सरस्वती माता॥

जय सरस्वती माता,जय जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥

जय सरस्वती माता॥

 

Latest Blog